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ताजमहल के बारे में रोचक जानकारी - Interesting information about the Taj Mahal
ताज महल का निर्माण कार्य बर्ष 1632 में शुरू हुआ था और यह वर्ष 1653 तक बनकर तैयार हुआ था
इस सुन्दर मकबरेे काे बनाने में तकरीबन 22 साल का समय लगा था
ताजमहल में लगभग 20,000 मजदूरों , कारीगरों और बहुत सारे शिल्पकारों ने काम किया
ताजमहल का मुख्य गुंबद 60 फीट ऊँचा और 80 फीट चौड़ा है
ताजमहल में फव्वारे किसी पाइप नहीं जुडे
हुऐ बल्िक हर फव्वारेे के नीचे एक तावें का टैंक है और सभी टैंकों को एक
ही समय पर भरा जाता है जिससे दबाब बनने पर ये फव्वारे चलतेे हैं
औरंगाबाद स्थित बीबी के मकबरे को मिनी ताज महल कहा जाता है
ताजमहल बनाने वाले कारीगर का नाम अहमद लाहौरी था इन्हें ईराक से बुुलाया गया था
ताजमहल की नींव में एक विशेष प्रकार की लकड़ी का प्रयोग हुआ है जो कि अब यमुना के जलस्तर कम होने के कारण सूखती जा रही है
ताजमहल के चारों और की मीनारों की ऊॅचाई 41.6 मीटर है
ताजमहल के सामने जो बैठने के लिए जो बेंच लगी हैै उस बेंच का नाम डायना बेंच है
ताजमहल में शाहजहां और मुमताज की कब्र के
ऊपर एक लैंप लटका हुआ है जो मिस्त्र के सुल्तान बेवर्सी दि्तीय की मस्जिद
के लैंप की नकल है
ये लैंप 18 फरवरी, 1906 को ताजमहल में पहली बार जलाया गया था
मुमताज और शाहजहॉ की असली कब्र ताजमहल के तहखाने में हैं इस कब्रों पर अल्लाह के 99 नाम खुदे हुए हैं
क्या आप जानते हैंं कि ताजमहल के साथ पहली सेल्फी George Harrison नाम के व्यक्ति ने ली थी
ताज को आप सुबह देखने पर ताज गुलाबी दिखता है, शाम को दुधिया सफ़ेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखेगा
1. Which metal is heavier, silver or gold?
2. How many legs do butterflies have?
3. Which is the country with the most people?
4. Which state is the biggest in the US?
5. Which country has the largest area of land?
6. Which is the country hosting the 2008 Olympic Games?
7. Which indoor sport is the most popular in the US?
8. Which golf player's mother is from Thailand?
9. What is Aurora Borealis commonly known as?
10. Which is the non contagious disease that is the most common in the world?
11. Which was the album the Beatles recorded the last time together?
12. Which instrument did Miles Davis, the jazz musician, play?
13. What is the sport in which you could get into a headlock?
14. In which country was golf first played?
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24. Which is the smallest ocean in the world?
25. What is the rhino's horn made of?
Answers to General Knowledge Questions:
1. Gold
2. Six
3. China
4. Alaska
5. Russia
6. China
7. Basketball
8. Tiger Woods
9. Northern Lights
10. Tooth Decay
11. Abbey Road
12. Trumpet
13. Wrestling
14. Scotland
15. Cricket
16. 19th Century
17. Golf
18. Blue Whale
19. Jamaica
20. P.G. Wodehouse
21. Michelangelo
22. Lewis Carroll
23. Theodore Roosevelt
24. Arctic Ocean
25. Hair
दी गई विषय वस्तु की जब एक अध्यापक विस्तृत रूप से व्याख्या करता है तो वह शिक्षण कहलाता है |
शिक्षण अभिक्षमता (Teaching Aptitude) :-
शिक्षण
अभिक्षमता का अर्थ है कि अध्यापक शिक्षण सूत्रों, रणनीतियों, विषय वस्तुओं,
तरीक़ो, बच्चों का ध्यान रखने आदि में कितना सक्षम है |
शिक्षण के स्तर (Level of Teaching) :-
शिक्षण को हम तीन स्तरों में बांट सकते हैं :-
स्मृति स्तर (Memory Level)
बोध स्तर (Understanding Level)
चिंतन स्तर (Reflective Level)
स्मृति
स्तर
(Memory Level)
स्मृति स्तर में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की जाती है, जिससे छात्र
पढ़ाई की विषय वस्तु को (Content) आत्मसात कर सकें | इस स्तर पर प्रत्यास्मरण क्रिया पर
जोर दिया जाता है | स्मृति शिक्षण में संकेत अधिगम (Signal Learning), श्रंखला अधिगम (Chain Learning) पर महत्व
दिया जाता है |
बोध स्तर पर
शिक्षण
(Understanding Level of Teaching)
बोध स्तर के शिक्षण में शिक्षक छात्रों के समक्ष पाठ्यवस्तु को इस
प्रकार प्रस्तुत करता है कि छात्रों को बोध के लिए अधिक से अधिक अवसर मिले
और छात्रों में आवश्यक सूझबूझ उत्पन्न हो | इस प्रकार के शिक्षण में छात्रों
की सहभागिता बनी रहती है | यह शिक्षण उद्देश्य केंद्रीय तथा सूझबूझ से युक्त
होता ह
चिंतन स्तर पर शिक्षण
(Reflective Level of Teaching)
चिंतन स्तर में शिक्षक अपने छात्रों में
चिंतन तर्क तथा कल्पना शक्ति को बढ़ाता है ताकि छात्र दोनों के माध्यम से
अपनी समस्याओं का समाधान कर सके | चिंतन स्तर पर शिक्षण समस्या केंद्रित होता
है | इस स्तर में अध्यापक बच्चों के सामने समस्या उत्पन्न करता है और बच्चों
को उस पर अपने स्वतंत्र चिंतन करने का समय देता है | इस स्तर में बच्चों में
आलोचनात्मक तथा मौलिक चिंतन उत्पन्न होता है |
शिक्षण के चरण
(Phases of Teaching)
1
पूर्व क्रिया अवस्था -इस अवस्था में अध्यापक शिक्षण नियोजन (Teaching Planning) करता है | अध्यापक
पढ़ाने से पहले शिक्षण नीतियां उद्देश्यों का निर्धारण अनुदेशन (Instruction) आदि का चयन
करता है कि किस तरीके से पढ़ाना है | इस अवस्था में वह सभी क्रियाएं आती है
जो शिक्षक कक्षा में जाने से पूर्व करता है इसमें अध्यापक अपने शिक्षण को
सफल बनाने के लिए चिंतन करता है |
2. अन्तः प्रक्रिया
अवस्था -इस अवस्था में अध्यापक और छात्र की अंतः क्रिया (Inter Action) होती है अर्थात
अध्यापक ने शिक्षण के लिए जो भी नीतियां बनाई है उन नीतियों से छात्रों को
अवगत कराना | दूसरे शब्दों में हम इसको पढ़ाना भी बोल सकते हैं | अध्यापक
पाठ के विभिन्न तत्वों का वर्णन करता है प्रशन पूछता है और उत्तर सुनता है |
3.
उत्तर क्रिया अवस्था - इस अवस्था में अध्यापक पढ़ाने के बाद छात्रों का
मूल्यांकन करता है कि बच्चों ने किस हद तक ज्ञान को आत्मसात किया है |
मूल्यांकन हेतु शिक्षक विभिन्न प्रकार की मूल्यांकन प्रवृतियों का प्रयोग
करता है | मूल्यांकन का कार्य उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है | इस अवस्था
में अध्यापक मूल्यांकन करके भविष्य में बच्चों की कमी दूर करने के लिए
नीतियां बनाता है |
1. अधिकारिक स्वेच्छाचारी उपागम (Autocratic Approach) -
अधिकारिक स्वेच्छाचारी उपागम में अध्यापक स्वयम की इच्छा के अनुसार सभी को
नियंत्रित करता है | वह अपनी इच्छा के अनुसार अनुदेशन देता है | इस उपागम में
अध्यापक केवल अपनी ही बनाई हुई नीतियों पर चलता है | यह शिक्षण का उत्तम
उपागम नहीं माना जाता है क्योंकि शिक्षण अध्यापक के अनुसार होता है | उदाहरण -
शिक्षक केंद्रित शिक्षा |
2. जनतंत्रीय / प्रजातांत्रिक उपागम (Democratic Approach)-आधुनिक समय में जनतंत्रीय / प्रजातांत्रिक उपागम को सबसे अच्छा माना
गया है | जनतंत्र का अर्थ है हर व्यक्ति को जीने का, अपनी बात रखने का, कुछ
प्रश्न पूछने का, कोई सलाह देने का पूरा अधिकार है | इस उपागम में अध्यापक सभी
छात्रों को ध्यान में रखते हुए उनके हित के लिए शिक्षण करवाता है | इस
प्रणाली ने जहां तक संभव हो वहां तथा आयोजन नीति निर्धारण कार्य विभाजन आदि
में जन सहयोग प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है | छात्र गतिशील
वातावरण में सुरक्षित अनुभव करते हैं | उदाहरण - बाल केंद्रित शिक्षा |
3. अहस्तक्षेपिये उपागम (Laissez Fair Approach) -इस उपागम में अध्यापक केवल कार्ड की कार्यवाही में
व्यस्त रहता है | इस उपागम में पद बस नाम की होती है | अध्यापक अपने काम से टलता रहता है | वह अपने काम का भार दूसरे सहकर्मियों के सिर पर डाल देता है
परंतु दूसरे सहकर्मियों के पास भी इतना नियंत्रण नहीं होता कि वह कोई फैसला
ले सकें |अतः एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि संगठन नेतृत्व विहीन सा लगने
लगता है | यह एक नकारात्मक उपागम है |
4. सहभागिता उपागम (Participative Approach)= इस
उपागम में अध्यापक बच्चों के साथ बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं | शिक्षण को
प्रभावशाली बनाने के लिए अध्यापक बच्चों से उदाहरण नियम आदि निकलवाते है
तथा खुद से भी उनके ऊपर अपनी पुष्टि देते हैं | शिक्षण के लिए यह बेहतर
उपागम है | उदाहरण - नृत्य अध्याय पढ़ाते समय खुद अध्यापक द्वारा नृत्य करके
दिखाना |
5. गतिशील
उपागम (Daynamic Approach) -गतिशील उपागम में अध्यापक
अपने तौर तरीकों को बच्चों के अनुसार गति में रखता है | उनके साथ सहभागिता
करता है | व्याख्यान को और भी अधिक रुचि कर बनाता है ताकि बच्चे सक्रिय रहे |
6.निश्चल उपागम (Static approach) - इस उपागम में अध्यापक अपने अनुसार ही पढ़ाता है वह स्थिर हो जाता है | बच्चों को ध्यान में रखकर नहीं पढ़ाया जाता है | इसमें
केवल अध्यापक ही सक्रिय रहता है परंतु छात्र निष्क्रिय हो जाते हैं | इससे
शिक्षण की अच्छी विधि नहीं माना गया है |
अध्ययन
(Studies)
किसी विषय वस्तु को पढ़ाना और आत्मसात करना अध्ययन कहलाता है | अध्ययन को हम निम्नलिखित भागों में बांट सकते हैं :-
1.
लंबवत /ऊर्ध्वता अध्यन (Vertical Studies) - वह अध्यन जो छात्र पढ़ चुका है तथा उसी के आधार पर अगले
पाठ की तैयारी कर रहा है | दूसरे शब्दों में जब छात्र पहले अध्याय के आधार
पर दूसरे अध्याय को संबंधित करता है तो वह लंबित अध्ययन कहलाता है | उदाहरण -
एक प्रश्नावली से दूसरे प्रश्नावली हल करना यह दिन बच्चों को लगातार कौशल की तरफ बढ़ाता है और बच्चों में लगातार ज्ञान बढ़ाता है | जो कि
उनके भविष्य में अध्ययन को बढ़ावा देते हैं | अध्ययन का यह तरीका संरचनात्मक
तथा प्रगतिशील होता है जिसका उद्देश्य उच्च स्तर के ज्ञान को बनाना है |
2. क्षैतिज अध्ययन (Horizontal Studies) -क्षैतिज अध्ययन एक ऐसा ध्यान है जिसके द्वारा छात्र एक संप्रत्य
का अध्यन करके उसको उसी से संबंधित संप्रत्य से जोड़ सकें | उदाहरण बच्चा
जब प्रतिशत अध्याय पढ़ता है तो मैं उसको लाभ हानि अध्याय में भी प्रयोग
करना सीख लेता है | अतः उसने पहले प्रतिशत संप्रत्य को विकसित किया बाद में
उसने उस संप्रत्य को दूसरों के साथ जोड़ना शुरु कर दिया |
3.
प्रतिनिधिक समूह अध्ययन (Cross Sectional Study) -प्रतिनिधिक समूह अध्ययन में हम एक ही समय में
अलग-अलग समूहों का सर्वेक्षण करते हैं तो वह प्रतिनिधिक समूह अध्ययन कहलाता
है | दूसरे शब्दों में जब हम एक ही समय में अलग-अलग जन समूह का अवलोकन करते
हैं तो वह प्रतिनिधिक संवर्धन कहलाता है | उदाहरण - अलग-अलग आयु वर्ग के समूहों
के बच्चों की रुचियों का पता लगाना ||
4. अधोमुखी
अध्ययन (Longitudinal Study) -जब एक अध्यापक और शोध-कर्ता अलग-अलग समय में एक ही बच्चे के व्यवहार
परिवर्तन का अवलोकन करता है तो वह अधोमुखी अध्ययन कहलाता है | उदाहरण - एक
छात्र का अलग अलग समय पर व्यवहार परिवर्तन जाना जैसे जनवरी में उसने क्या
क्या किया है , मार्च में उसने क्या-क्या क्रियाएं की आदि |
5.
व्यक्ति अध्ययन (Case Study)-इस विधि में किसी आदमी के मनोवैज्ञानिक गुणों तथा
मनोसामाजिक और भौतिक पर्यावरण के संदर्भ में उसके मनोवैज्ञानिक इतिहास आदि
का गहनता से अध्ययन किया जाता है |