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पेशवा बाजीराव: अपने कार्यकाल में एक भी युद्ध न हारने वाले शासक
भारतीय इतिहास में मराठा साम्राज्य का खास योगदान रहा. उस साम्राज्य में एक पेशवा बाजीराव नाम के एक राजा हुए, जिन्होंने अपने यश से मराठा साम्राज्य का विस्तार किया.
कहा जाता है कि अपनी सेना के कार्यकाल में उन्होंने एक भी युद्ध नहीं हारा. तो आईये भारत के इस महान योद्धा को जरा नजदीक से जानने की कोशिश करते हैं–
छोटी उम्र में ही थाम लिए हथियार
पेशवा बाजीराव का जन्म 18 August 1700
को छत्रपति शाहू की सल्तनत में हुआ. उनके पिता का नाम बालाजी विश्वनाथ और माता का नाम राधाबाई था. चूंकि पेशवा के पिता छत्रपति शाहू के पहले पेशवा थे, इसलिए बचपन से ही पेशवा ने शौर्यता के किस्से सुने थे. यही कारण रहा कि वह थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने रण-कौशल का हुनर सीखना शुरु कर दिया.
यही नहीं युवा होते ही वह अपने पिता के साथ सैन्य अभियानों में भाग तक लेने लगे. इन सबके कारण वह देखते ही देखते कुछ ही दिनों में मराठा की सेना के जनरलों द्वारा अच्छी तरह से प्रशिक्षित हो गए थे. बाद में 1920 के आसपास जब उनके पिता की मृत्यु हो गयी, तो उन्हें पेशवा के पद पर मनोनीत किया गया. इस समय बाजीराव की उम्र महज 20 वर्ष की रही होगी.
चूंकि उनकी उम्र बहुत कम थी, इसलिए उनकी नियुक्ति पर खूब हो हल्ला भी हुआ. वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर सवाल उठाए. हालांकि, इस सबके बावजूद बाजीराव पेशवा का पद पाने में सफल रहे.
पेशवा बनते ही बाजीराव ने अपने इरादे जाहिर कर दिए. वह मराठा ध्वज को दिल्ली के दीवारों में लहराते हुए देखना चाहते थे. साथ ही वह मुग़ल साम्राज्य को सत्ता से बाहर करना चाहते थे.
शाहू महाराज को अनुमति मिली तो…
मुगलों को खत्म करने के इरादे से आगे बढ़ने के लिए बाजी के सामने सबसे पहले महाराज शाहू को इसके लिए मनाने की बड़ी चुनौती थी. खैर, उन्होंने हिम्मत जुटाते हुए एक सभी के दौरान हिम्मत जुटाते हुए कहा, महाराज हम बंजर दक्कन को पार कर मध्य भारत पर मराठा झंडा को गाड़ सकते हैं. यह मुगलों पर वार करने का बहुत सही समय है.
इस वक्त मुगलों के ज्यादातर राजा कमजोर, धृष्ट, व्यभिचारी और नशे की लती हो चुके हैं. ऐसे में हम उन पर हमला करके उनकी सारी धन-संपदा पर अपना कब्जा कर सकते हैं. उनके जोश भरे लहजे से सब हैरान थे.
सभा में मौजूद सभी लोगों ने उनका विरोध किया, किन्तु शाहू महाराज उनसे प्रभावित हुए और उन्हें अपनी योजना के साथ आगे बढ़ने के लिए कहा. अनुमति मिलते ही बाजी नहीं रुके और शुरु कर दिया मुगलों का पतन.
कहते हैं कि जैसे-जैसे वह उत्तर की तरफ बढ़ते रहे, वैसे-वैसे मुगलों का पतन नजदीक आता रहा. माना जाता है कि मुगल शासक उनसे इस तरह खौफ खाने लगे थे कि उनका सामना करने से डरते थे. इसका फायदा उठाते हुए उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ स्थलों को मुगलों के शोषण, भय व उत्पीड़न से मुक्त कराया.
किसी भी लड़ाई में नहीं हारे थे!
बाजीराव ने मुगलों के पतन के लिए पूरे भारत में कई अभियानों को भी चलाया. इसमें निजाम, बुंदेलखंड और गुजरात का अभियान कुछ प्रमुख नाम हैं.
बाजीराव की सबसे बड़ी खासियत थी कि वह एक अच्छे घुड़सवार होने के साथ-साथ गजब के रणनीतिकार भी थे. इस कारण दुश्मन उनका सामना नहीं कर पाते थे.
इसके साथ ही उन्होंने गुजरात और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की. उनके इस विजय-रथ ने मुगलों की नींव हिला दी. उनकी रणनीति ही थी कि वह अपने सफर में राजपूत शासकों से टकराव से बचते रहे. इसका फायदा यह हुआ कि वह मराठों और राजपूतों के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करने में सफल रहे, जोकि उनके साम्राज्य के विस्तार में मददगार हुआ.
कहते हैं कि बाजीराव ने 40 से अधिक लड़ाइयाँ लड़ीं. खास बात तो यह थी कि इनमें से किसी भी लड़ाई में वह पराजित नहीं हुए. कई लोग तो उनकी तुलना नेपोलियन बोनापार्ट तक करते है
मस्तानी संग बाजीराव की कहानी
बाजीराव के युद्धों में से इलाहाबाद का युद्ध बड़ा ही यादगार युद्ध था. 1727 में इलाहाबाद में बाजीराव ने एक मुगल सरदार को पराजित किया था, तो छत्रसाल ने खुश होकर उन्हें मस्तानी से विवाह का प्रस्ताव दे दिया. हालांकि, बाजीराव की पहले से ही शादी हो रखी थी, इसलिए उन्होंने मस्तानी से शादी नहीं की.
हालांकि, उनके साथ उनके प्रेम-प्रंसग को लेकर खूब कहानियां पढ़ने को मिलती हैं और यह भी कहा जाता है कि बाजीराव ने उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रुप में स्वीकार कर लिया था.
एक कहानी की माने तो मस्तानी बहुत ही ज्यादा सुंदर थीं. इतनी सुंदर की बाजीराव उनकी तरफ खिचे चले गए. दिलचस्प बात यह थी कि मस्तानी केवल खूबसूरत नहीं थीं, बल्कि वह घुड़सवारी, तलवारबाजी जैसे गुणों से परिपूर्ण थी. इसके अलावा वह राजनीति की समझ रखती थी. इन्हीं के चलते बाजी उनके नजदीक जाते गए.
माना जाता है कि अंतत: बाजी ने उनके साथ विवाह करते हुए उन्हें अपनी दूसरी पत्नी के रुप में स्वीकार कर लिया था.
पूरी दुनिया में अपने यश से मराठाओं का नाम रोशन करने वाले बाजी की मृत्यु इस तरह होगी, ऐसा किसी को यकीन न था. कहते हैं कि 1740 में बाजी अपनी सेना के साथ खरगांव में थे, इस दौरान उन्हें तेज़ बुखार हुआ, जोकि उनकी मृत्य का कारण बना.
वैसे इस विषय पर संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी भी खासी चर्चित रही.
....................... 1. भारत का निवास स्थान - प्रयाग
2. पांच नदियों की भूमि -पंजाब
3. सात टापुओं का नगर- मुंबई
4. बुनकरों का शहर- पानीपत
5. अंतरिक्ष का शहर बेंगलुरू
6. डायमंड हार्बर -कोलकाता
7. इलेक्ट्रॉनिक नगर -बेंगलुरू
8. त्योहारों का नगर -मदुरै
9. स्वर्ण मंदिर का शहर -अमृतसर
10. महलों का शहर कोलकाता
11. नवाबों का शहर- लखनऊ
12. इस्पात नगरी -जमशेदपुर
13. पर्वतों की रानी -मसूरी
14. रैलियों का नगर -नई दिल्ली
15. भारत का प्रवेश द्वार मुंबई
16. पूर्व का वेनिस- कोच्चि
17. भारत का पिट्सबर्ग -जमशेदपुर
18. भारत का मैनचेस्टर- अहमदाबाद
19. मसालों का बगीचा -केरल
20. गुलाबी नगर- जयपुर
21. क्वीन ऑफ डेकन- पुणे
22. भारत का हॉलीवुड -मुंबई
23. झीलों का नगर -श्रीनगर
24. फलोद्यानों का स्वर्ग -सिक्किम
25. पहाड़ी की मल्लिका -नेतरहाट
26. भारत का डेट्राइट -पीथमपुर
27. पूर्व का पेरिस- जयपुर
28. सॉल्ट सिटी- गुजरात
29. सोया प्रदेश -मध्य प्रदेश
30. मलय का देश- कर्नाटक
31. दक्षिण भारत की गंगा- कावेरी
32. काली नदी- शारदा
33. ब्लू माउंटेन - नीलगिरी पहाड़ियां
34. एशिया के अंडों की टोकरी - आंध्र
प्रदेश
35. राजस्थान का हृदय - अजमेर
36. सुरमा नगरी - बरेली
37. खुशबुओं का शहर -कन्नौज
38. काशी की बहन -गाजीपुर
39. लीची नगर - देहरादून
40. राजस्थान का शिमला -माउंट आबू
41. कर्नाटक का रत्न -मैसूर
42. अरब सागर की रानी -कोच्चि
43. भारत का स्विट्जरलैंड -कश्मीर
44. पूर्व का स्कॉटलैंड- मेघालय
45. उत्तर भारत का मैनचेस्टर - कानपुर
46. मंदिरों और घाटों का नगर - वाराणसी
47. धान का डलिया- छत्तीसगढ़
48. भारत का पेरिस -जयपुर
49. मेघों का घर -मेघालय
50. बगीचों का शहर- कपूरथला
51. पृथ्वी का स्वर्ग -श्रीनगर
52. पहाड़ों की नगरी- डुंगरपुर
53. भारत का उद्यान -बेंगलुरू
54. भारत का बोस्टन -अहमदाबाद
55. गोल्डन सिटी -अमृतसर
56. सूती वस्त्रों की राजधानी
- मुंबई
57. पवित्र नदी -गंगा
58. बिहार का शोक -कोसी
59. वृद्ध गंगा- गोदावरी
60. फाउंटेन और माउंटेन शहर - उदयपुर
61. सिल्क सिटी -भागलपुर.बिहार
62.गौतम बुद्ध -बिहार.गया
63.महावीरजैन . बिहार
❇ सिकंदर की मृत्यु के बाद पश्चिमी एशिया में सेल्यूकस ने
अपना प्रभुत्व स्थापित किया। उसके पौत्र एंटीयोक्स के समय बैक्टीरिया और
पर्थिया ने 250 ईसापूर्व में विद्रोह करके स्वतंत्रता प्राप्त की , जिसका
शासक डियो डॉटअस प्रथम था।
❇ सिकंदर के आक्रमण के पश्चात भारत के उत्तर पश्चिम में बैक्टीरिया में
यूनानी बस्ती बस गई थी । जिन्हें प्राचीन भारतीय साहित्य में यवन कहा जाता
है।
❇ डेमेट्रियस ने 183 ईसापूर्व के लगभग भारतीय सीमा में प्रवेश कर पंजाब के कुछ भाग को जीतकर सियालकोट को अपनी राजधानी बनाई ।
❇ डेमेट्रियस प्रथम इंडो ग्रीक शासक था जिसने भारत में अपना राज्य स्थापित
किया तथा यूनानी तथा खरोष्ठी दोनों लिपियाँ वाले सिक्के चलायें।
❇ डेमैट्रेस के बाद यूक्रेटाइड्स ने भारत के कुछ हिस्सों को जीतकर तक्षशिला को अपनी राजधानी बनाया ।
❇ सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनांडर था यह डेमेट्रियस कुल का था । इसे
भारतीय बौद्ध साहित्य में मिलिंद कहा गया है। इसने बौद्ध भिक्षु नागसेन से
बौद्ध धर्म की दीक्षा ग्रहण की। प्रसिद्ध ग्रंथ मिलिंदपन्हो में नागसेन वह
मिनांडर की दार्शनिक वार्ता संकलित हैं मिनांडर की राजधानी *साकल* थी।
❇ _इंडो ग्रीक शासकों से पूर्व भारतीय सिक्कों पर राजा का नाम व तिथि उत्कीर्ण नहीं की जाती थी ।_
❇ इंडो ग्रीक शासक आगाथोक्लीज़ के कुछ सिक्कों पर वासुदेव तथा बलराम की आकृतियां अंकित है ।
❇ इंडो ग्रीक शासकों ने सर्वप्रथम लेख वाले सिक्के तथा सोने के सिक्के जारी किए ।
❇ भारत में सर्वप्रथम सोने के सिक्के मिनांडर ने चलाएं ।
❇ मिनांडर की काँसी मुद्राओं पर धर्म चक्र का चिन्ह मिलता है। मिनांडर ने
परिभाषिक लेख युक्त मुद्राएं चलाई । ग्रीक आक्रमण में भारतीय ज्योतिष,
सिक्कों , नाटक एवं कला विशेषतः मूर्ति कला पर प्रभाव डाला ।
❇ गांधार मूर्तिकला स्पष्टतया यूनानी प्रभाव से प्रेरित है।
❇ महाभारत में यमुना को सर्वज्ञ यवन कहा गया है तथा यह कहा गया है कि यद्यपि यवन मलेच्छ है किंतु अपने ज्ञान के कारण पूजनीय है।
🔵🔹 *पर्थियन या पल्लव* 🔹🔵
🏐 इनका मूल निवास स्थान इरान था ।भारतीय साहित्य में इनको
शकों के साथ उल्लेखित किया गया है तथा दोनों को शक पल्लव का गया है । पल्लव
वंश का सबसे शक्तिशाली शासक गोंन्डोफर्नीज था । गोंडोफर्डीज के तख्तेबाही
अभिलेख जो पेशावर में है , मैं खुद को गुदव्हर कहा है।
⚽ उसके शासनकाल में सेंट थॉमस ईसाई धर्म का प्रचार करने भारत आया। इस
साम्राज्य का अंत कुषाणों द्वारा हुआ । गोंडोफर्ड़नीस की राजधानी तक्षशीला
थी।
⚽ वोनोनीज भारत में पहला पल्लव शासक था जबकि पर्थियन साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक मिथ्रदांत प्रथम था।
🔵🔹 *शक* 🔹🔵
❇ शकों को भारतीय साहित्य में सीथियन कहा गया है ।भारत में पहला शक शासक मावेज या माउस था ।
❇ शको की पाँच शिखाएँ थी - अफगानिस्तान, पंजाब ,मथुरा, पश्चिमी भारत और उपरी दख्खन।
❇ शक राजाओं को क्षत्रप कहा जाता था। शकों की भारत में दो शाखाएं थी। उतरी
क्षेत्रप तक्षशिला एवं मथुरा , पश्चिमी क्षत्रप नासिक एवं उज्जैन ।
❇ पश्चिम क्षत्रप में क्षहरात वंश का नहपान तथा कार्दमक वंश का रुद्रदामन अधिक प्रसिद्ध थे।
❇ शकों ने पश्चिमी भारत में लगभग चार सदियों तक शासन किया और बड़ी संख्या में चांदी के सिक्के चलाए ।
☀ *चष्टन वंश*
❇ चष्टन वंश का संस्थापक यशोमोतिक है । यशोमोतिक का पुत्र चेष्टन था ।
❇ रुद्रदामन ने गिरनार की प्रसिद्ध सुदर्शन झील की मरम्मत करवाई । इस झील
का निर्माण मौर्य काल में हुआ इस समय सौराष्ट्र का प्रांतपाल सुविशाख था।
❇ रुद्रदामन का जूनागढ़ अभिलेख संस्कृत में लिखित प्रथम अभिलेख था। इससे
पूर्व के सभी अभिलेख प्राकृत में थे । इस में संस्कृत को राज्य शिक्षण
दिया।
❇ रुद्रदामन ने सातवाहन शासक वशिष्ठ के पुत्र पुलुमावी को दो बार पराजित किया । किंतु निकट संबंधी होने के कारण उसे छोड़ दिया ।
❇ रुद्रदामन चष्टन का पुत्र व जय दामन का पुत्र था ।
❇ गुप्त शासक चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य ने चौथी शताब्दी में अंतिम
शासक रुद्र सिंह तृतीय को पराजित कर शक शक्ति का उन्मुलन किया ।
❇ रुद्रदामन प्रथम गांधर्व विद्या ( संगीत ) में प्रवीण था। रुद्रदामन नामक सिक्का शक शासक रुद्रदामन ने ही चलाया ।
❇ भारत में सर्वप्रथम संस्कृत व तिथि लेख युक्त सिक्के शक शासक रुद्रदामन ने चलाएं ।
❇ शक सातवाहन काल में सोने व चांदी के *सिक्कों की विनिमय दर 1: 35 थी*
❇ शकों ने क्षत्रप प्रणाली *इरान* से ग्रहण की।
🔵🔹 *क्षहरात वंश* 🔹🔵
🏐 भूमक शहरात वंश का प्रथम शासक था नहपान भूमक का उत्तराधिकारी था।
🏐 नासिक अभिलेख संख्या 10 के अनुसार नहपान के दामाद ऋषभ दत्त ने
ब्राह्मणों व बौद्ध भिक्षुओं को दान दिया । कन्हेरी अभिलेख में कार्ले के
बौद्ध संघ के लिए कर्जत ग्राम के दान का उल्लेख है । इसी अभिलेख में
वर्णासा व प्रभास के ब्राह्मणों को गांव दान देने का उल्लेख है ।
🏐 शक मुद्राओं पर शिव पार्वती के चित्र मिलते हैं ।
🏐 *जिस प्रकार कोई महान पराक्रम करने पर रोमन सम्राट सीजर की उपाधि धारण
करते थे, उसी प्रकार भारतीय शासक विक्रमादित्य की उपाधि धारण करते थे।*
गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य की उपाधि धारण करने वाले
शासकों में सबसे प्रसिद्ध था तथा मध्यकाल में *हेमू अंतिम व 14 शासक था*
जिसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
🏐 मिलिंदपन्हो में भी शक जाति का उल्लेख है चीनी लेखों में शक जाति के लिए *सई* नाम का प्रयोग हुआ है।
🔵🔹 *कुषाण वंश* 🔹🔵
❇ ये यूची कबीले से संबंधित थे । कालांतर में युचि कबीला
पांच भागों में बट गया । इनमें *कोई चाउ आंग शाखा* ने भारत में कुषाण वंश
की स्थापना की ।
❇ *कुजूल कडफीसस -* यह कुषाण वंश का प्रथम शासक था। इसके प्रारंभिक सिक्कों
पर यूनानी राजा हर्मियस की आकृति उत्किर्ण है । जिससे सिद्ध होता है कि यह
पहले हर्मीयस्त के अधीन था। इसने रोमन सिक्कों की नकल पर तांबे के सिक्के
ढलवाए तथा महाराजाधिराज की उपाधि धारण की। इन सिक्के की लिपि यूनानी व
खरोष्ठी थी।
❇ विम कटफिशस सर्वप्रथम इसने ही भारत में कुषाण वंश की सत्ता स्थापित की ।
विम ने बड़ी मात्रा में सोने एवं तांबे के सिक्के चलाए। विम शेव मत का
अनुयाई था । इसके सिक्कों पर शिव नंदी एवं त्रिशूल की आकृतियां मिलती हैं ।
उसने महेश्वर की उपाधि धारण की ।
❇ कुषाणों में भारत में सर्वप्रथम सोने के सिक्कों विम कटपीसस ने ही चलाएं ।
☀ *कनिष्क* ☀
❇ कनिष्क महानतम कुषाण शासक था, जो 78 इसी में गद्दी पर बैठा। *उसने 78 ई. में एक संवत चलाया जो शक संवत के* नाम से प्रसिद्ध है ।
❇ उसके शासनकाल में कश्मीर में कुंडल वन में वसुमित्र की अध्यक्षता में
चौथी बौद्ध संगति हुई । चौथी बौद्ध संगति में बौद्ध ग्रंथों पर जो टिकाए
लिखी गई। उन्हें विभाषा शास्त्र कहा जाता है। विभाषा शास्त्र को की रचना
*वसुमित्र* ने की ।
❇ सारनाथ अभिलेख से कनिष्क के महाक्षत्रप खरपप्लान व वनस्पर का नाम मिलता है। उत्तर पश्चिम में लल्ल व लाइक उसके क्षत्रप थे ।
❇ कनिष्क के साम्राज्य की प्रथम राजधानी पेशावर या पुरुषपुर तथा दूसरी
राजधानी मथुरा थी।कनिष्क ने कनिष्कपुर नामक नगर बसाया । कनिष्क ने
तक्षशिला में शिरकप नामक नगर स्थापना पर एक नए नगर का निर्माण किया ।
❇ व्हेनसांग ने पुरुषपुर में कनिष्ठ द्वारा निर्मित कनिष्क विहार को देखा
।कनिष्क ने पेशावर में स्तूप का निर्माण किया। पेशावर स्थित कनिष्क चैत्य
का निर्माण व वास्तुकार अंगिलस ने किया। यह पहला चैत्य है जिस में लोहे के
छत्र का प्रयोग हुआ।
❇ पार्श्व कनिष्क के राज गुरु थे। पश्र्व की सलाह से कनिष्क ने चौथी बौद्ध संगीति का आयोजन किया ।
❇ कनिष्क चीन सेनापति पान चाओ से पराजित हुआ। कनिष्क ने उत्तर को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं को जीत लिया।
❇ माध्यमिका दर्शन के आचार्य नागार्जुन ने प्रज्ञापारमिता सूत्र की रचना की। नागार्जुन विदर्भ का रहने वाला ब्राह्मण था।
❇ *हुविष्क* के समय कुषाण सत्ता का केंद्र पेशावर से मथुरा हो
गया। हुविष्क के सिक्कों पर शिव स्कंद तथा विष्णु आदि देवताओं तथा श्रृंग
धारण किए उमा की आकृतियां उत्कीर्ण है ।
❇ हुविष्क ने चतुर्भुजी विष्णु के सिक्के चलाएं । हुविष्क के सिक्कों पर संकर्षण एवं वासुदेव दोनों अंकित है।
❇ कनिष्क कुल का अंतिम महान शासक वासुदेव प्रथम था। वासुदेव के हैं।
सिक्कों पर शिव उमा का चित्र है । एक सिक्के पर शिव का हाथी के साथ चित्र
हैं।
❇ *कुषाणों ने भारत में सर्वप्रथम शुद्ध सर्वण मुद्राएं निर्मित करवाई ।
प्रथम बार स्वर्ण मुद्रा इंडो ग्रीक शासकों ने तथा वृहद् स्तर पर कुषाणों
ने चलाई। सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राएं गुप्ता ने चलाई ।*
❇ कुषाण शासको के सोने और तांबे के सिक्के बहुतायत से मिलते हैं । लेकिन
विम कार्डफिशस इस व हुविष्क का एक-एक चांदी का सिक्का भी प्राप्त हुआ है ।
❇ वासुदेव द्वितीय अंतिम कुषाण शासक था।
_*कुषाण कला*_
_भारत में चमड़े के जूते बनाने, लंबे कोट पहने व पतलून बनाने का प्रचलन
कुषाण काल में शुरू हुआ। उस सिक्कों में शासकों को लंबा कोट , पतलून व जूते
पहने दिखाया गया
*TRICK TRICK TRICK* 🔷 भारत के प्रारम्भ से लेकर आजतक के सारे *राष्ट्रप ति* के
काल क्रमानुसार नाम है 👉trick -- *राजु की राधा जाकर गीरी फकरुद्दीन*
*रेड्डी की* *जेल मे तब राम शंकर नारायण कि कलम से प्रतिभा*
*निकली* *प्रणव कि*👇👇 राजु-- राजेन्द्र प्रसाद राधा -- एस. राधाकृष्णन जाकिर -- जाकिर हुसैन गीरी-- वी वी गीरी फकरुद्दीन -- फकरुद्दीन अली अहमद
रेड्डी -- निलम संजीवा रेड्डी
जेल -- ज्ञानी जैल सिंह राम -- रामकृष्ण वेंकटरमन शंकर -- शंकर दयाल शर्मा नारायण -- के आर नारायण कलम -- ए पी जे अब्दुल कलाम प्रतिभा --प्रतिभा देवी पाटिल
प्रणव -- प्रणव मुखर्जी # नोट -- जस्टिस ऍम हिदायातुल्ला दो बार
भारप्राप्त राष्ट्रपती थे और बिडी जाट्टी एक बार।
🔷 भारत में युरोपीय कंपनियो के आगमन का क्रम(क्रमशः)
👉Trick – *पुत्र अडा डैड फसा*👇👇
पुत्र – पुर्तगाली(1498) अ – अंग्रेज(1600) डा – डच(1602) डैड – डैनिस(1616) फ – फ्रांसीसी(1664) सा –स्वीडिश(1731)
🔷 क्षेत्रफल के अनुसार भारत के बडे राज्य
👉Trick – *राम महान है आप*👇👇 रा -राज्स्थान म -मध्य प्रदेश महान -महाराष्ट्र आप -आंध्र प्रदेश
🔷 जनसंख्या के अनुसार भारत के बडे राज्य
👉Trick – *UP ने बिहारी के गाल पर मारा*👇👇
UP -उत्तर प्रदेश बिहारी -बिहार गाल -बंगाल मारा -महाराष्ट्र
🔷 "बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली
नदियाँ 👉(Trick)" *"MP की गोद में रेखा का कब विलय हुआ"*👇👇
1. M- महानदी 2. P-पेन्नार "की-silent" 3. गौ-गोदावरी, गंगा "में-silent" 4. रेखा-स्वर्ण रेखा 5. का-कावेरी 6. क-कृष्णा 7. ब-ब्राह्मणी 8. विलय-वेगाई " हुआ-silent.
🔷 "अरब सागर में गिरने वाली नदियाँ
🔷 G-20 के सदस्य देशो का नाम है । 👉trick -- *GURUJI(गुरुजी)* *SITA(सीता) AB(अब) SSC* *FCI ME(में) जॉब करती है*👇👇 G-- Germany U-- USA R-- Russia U-- UK J-- Japan I-- India S-- South Africa I-- Indonesia T-- Turkey A-- Australia A-- Argentina B-- Brazil S-- Saudi Arabia S-- South Korea C-- Canada F-- France C-- China I-- Italy M-- Mexico E-- European Union जॉब करती है -- silent words
🔷 कोयला उत्पादक प्रमुख देश.
👉Trick:-- *“ C.U.B.”*👇👇 C— चीन U— USA B— भारत
🔷 अभ्रक उत्पादक प्रमुख देश
👉Trick:-- *“ B.B.C.”*👇👇 B— भारत B— ब्राजील C— चीन
🔷 टीन उत्पादक प्रमुख देश Trick:-- “ चीनी.I.P.” चीनी-- चीन I— इंडोनेशिया P— पेरु
🔷 ताँबा उत्पादक प्रमुख देश
👉Trick:-- *“ चिली.U.R.”*👇👇 चिली--चिली U—USA R--रुस
🔷 लोहा उत्पादक प्रमुख देश 👉Trick:-- *“ C.B.A.”* C--चीन B--ब्राजील A--आस्ट्रेलिया
🔷 चाँदी उत्पादक प्रमुख देश
👉Trick:-- *“ मैप चीन का ”*👇👇 मै--मैक्सिको प--पेरु चीन--चीन का--Silent
🔷 सोना उत्पादक प्रमुख देश 👉Trick:-- *“दस आस्ट्रेलिया”* द--दक्षिणी अफ्रीका स--संयुक्त राज्य अमेरिका आस्ट्रेलिया--आस्ट्रेलिया
🔷 कपास उत्पादक प्रमुख देश 👉Trick:-- *“C.U.I.P.S.”*👇👇 C--CHINA U--USA I--INDIA P--PAKISTAN S--SUDAN 🔷 गन्ना उत्पादक प्रमुख देश
👉Trick:-- *“B.B.C.”* B--भारत B--ब्राजील C--क्यूबा
🔷 कहवा उत्पादक प्रमुख देश 👉Trick:-- *“B.C.I.”* B--ब्राजील C--कोलम्बिया I--आइवरी कोस्ट
🔷 चावल उत्पादक प्रमुख देश 👉Trick:-- *“ C.B.I ”*👇👇 C--चीन B--भारत I--इंडोनेशिया
#विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप;*
- एशिया ( विश्व के क्षेत्रफल का 30 % )
*+ विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप;*
- आस्ट्रेलिया *+ विश्व का सबसे बड़ा महासागर;*
- प्रशांत महासागर *+ विश्व का सबसे छोटा महासागर;*
- आर्कटिक महासागर *+ विश्व का सबसे गहरा महासागर;*
- प्रशांत महासागर *+ विश्व का सबसे बड़ा सागर;* - दक्षिणी चीन सागर *+ विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी;*
- मेक्सिको की खाड़ी *+ विश्व का सबसे बड़ा द्वीप;*
- ग्रीनलैण्ड *+ विश्व का सबसे बड़ा द्वीप समूह;*
- इण्डोनेशिया *+ विश्व की सबसे लम्बी नदी;* - नील नदी ल. 6650 किमी *#विश्व की सबसे बड़ी अपवाह क्षेत्र वाली नदी*
- अमेजन नदी *#विश्व की सबसे बड़ी सहायक नदी:*
- मेडिरा ( अमेजन की ) *#विश्व की सबसे व्यस्त व्यापारिक नदी;*
- राइन नदी *#विश्व की सबसे बड़ी नहर;* - स्वेज नहर *#विश्व की सबसे व्यस्त नहर;*
- कील नहर *#विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप;*
- माजुली , भारत *#विश्व का सबसे बड़ा देश;* - रूस *#विश्व का सबसे छोटा देश;* - वेटिकन सिटी ( 44 हेक्टेयर) *#विश्व में सर्वाधिक मतदाताओं वाला देश;*
- भारत *>विश्व में सबसे लंबी सीमा रेखा वाला देश;*
- कनाडा *>विश्व में सबसे ज्यादा सीमा रेखा वाला देश;*
- चीन ( 13 देश )
#बैंको के #Headquarters के नाम याद रखने की #Short_Trick
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A.यदि किसी बैंक के नाम में"Bank of India"आताहै तो उसका मुख्यालय मुंबई होगा
BANK OF INDIA ==> -MUMBAI
1. BANK OF INDIA ==> MUMBAI
2. Central BANK OF INDIA ==> MUMBAI
3. Industrial Development BANK OF INDIA ==> MUMBAI
4. State BANK OF INDIA ==> MUMBAI
5. Union BANK OF INDIA ==> MUMBAI
6. Reserve BANK OF INDIA ==> MUMBAI
7. Securities and Exchange BOARD OF INDIA ==> MUMBAI
8. Dena Bank - ==> MUMBAI (देनाबैंककोछोड़कर)
.
B.यदि किसी बैंकके नाममें "UNITED" आताहै तो उसका मुख्यालय KOLKATA होगा.
9. UNITED Bank of India
10. UNITED Commercial Bank
11. Allahbad Bank
C.यदि किसी बैंक के नाममें "PUNJAB MAHILA"आताहै तोउसका मुख्यालय DELHI होगा.
12. PUNJAB National Bank
13. PUNJAB & Sind Bank
14. Bharathiya MAHILA Bank
15. Oriental bank of commerce
.
D.यदिकिसी बैंकके नाम में "INDIAN" आताहै तोउसका मुख्यालय CHENNAI होगा.
16. INDIAN Overseas Bank
17. INDIAN Bank
.
E.यदि किसीबैंक केनाम में"VIJAY or CAN"आताहै तोउसका मुख्यालय BENGALURU होगा.
18. VIJAYa Bank
19. CANara Bank
.
F.व्यक्तिगत बैंक(INDIVIDUAL BANKS)
19) ANDHRA BANK ==> HYDERABAD(CAPITAL OF ANDHRA PRADESH)
20) Bank of BARODA ==> BARODA/VADODARA(GUJARAT)
21) Bank Of Maharashtra ==> PUNE (Maharashtra)
22) Corporation Bank ==> MANGALURU
23) Syndicate Bank ==> MANIPAL Keywords :- call 4 tricks gk, cg gk tricks, competitive gk tricks, crazy gk tricks, gk gs tricks, gk short tricks in english, gk short tricks in hindi, gk tricks, gk tricks adda, gk tricks app, gk tricks app in english, gk tricks biology, gk tricks books, gk tricks cgl, gk tricks channel, gk tricks constitution, gk tricks download in hindi, gk tricks english, gk tricks for bank exams, gk tricks for competitive exams, gk tricks for competitive exams in english, gk tricks for competitive exams in hindi, gk tricks for history, gk tricks for ssc, gk tricks for ssc cgl, gk tricks for ssc cgl in english, gk tricks for ssc cgl in hindi, gk tricks for wildlife sanctuaries & national park in india, gk tricks geography, gk tricks geography in hindi, gk tricks gujarati, gk tricks hindi, gk tricks hindi mai, gk tricks hindi me, gk tricks history, gk tricks in english, gk tricks in hindi, gk tricks in hindi 2016, gk tricks in hindi 2017, gk tricks in hindi science, gk tricks in telugu, gk tricks video, lucent gk tricks in english, ssc cgl gk tricks, ssc gk tricks in english, ssc gk tricks in hindi, static gk tricks in english, tricks to remember gk in english
*1. पृथ्वी अपने अक्ष पर कितना झुकी है ?*
►23.30
*2.सौर मंडल का एक मात्र ग्रह जिस पर जीवन है ?*
►पृथ्वी
*3.सौर मंडल के बड़े ग्रहों में पृथ्वी का स्थान कौन-सा है ?*
►पांचवां
*4.पृथ्वी का विषुवतीय व्यास कितना है ?*
►12756 किलोमीटर । इसी तरह इसका ध्रुवीय व्यास 12714 किलोमीटर है ।
*5.पृथ्वी अपने अक्ष पर किस दिशा में धूमती है ?*
►पश्चिम से पूरब
*6. पृथ्वी अपनी धुरी का चक्कर किस रफ्तार से और कितने समय में पूरा करती है ?*
►1610 किलोमीटर प्रति घंटे की चाल से 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकेंड में ।
*7. पृथ्वी की किस गति से दिन और रात होता है ?*
►घुर्णन
*8. पृथ्वी की किस गति से साल बनते हैं ?*
►परिक्रमण
*9. सूर्य की परिक्रमा करने में पृथ्वी को कितना समय लगता है ?*
►365 दिन 5 घंटे 48 मिनट 46 सेकेंड यानी 365 दिन 6 घंटे ।
*10. पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे वक्त को क्या कहते हैं ?*
►सौर वर्ष
*11. प्रत्येक सौर वर्ष या कैलेंडर वर्ष में कितना समय बढ़ जाता है ?*
►6 घंटे
*12. आकार और बनावट की दृष्टि से पृथ्वी किस ग्रह के समान है ?*
►शुक्र
*13. पृथ्वी को नीला ग्रह किस कारण से कहा जाता है ?*
►पानी की उपस्थिति के कारण ।
*14. सूर्य के बाद पृथ्वी का सबसे निकट का तारा कौन-सा है ?*
►प्रॉक्सिमा सेंचुरी
*15. पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह कौन-सा है ?*
►चंद्रमा
*16. चंद्रमा की सतह और उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान कहलाता है ?*
►सेनेनोलॉजी
*17. चंद्रमा पर धूल के मैदान को क्या कहते हैं ?*
►शांति सागर
*18. जीवाश्म ग्रह किसे कहा जाता है ?*
►चंद्रमा
*19. चंद्रमा किसकी रोशनी से चमकता है ?*
►सूर्य
*20. समुद्र में उठने वाले ज्वार भाटे की वजह क्या है ?*
►अपेक्षित सौर्य एवं चंद्रमा की शक्तियों का अनुपात 11:5 होता है ।
*21. चंद्रमा पर पाए जाने वाले चट्टानों में किस धातु की मात्रा सबसे अधिक है ?*
►टाइटेनियम
*22. पृथ्वी से चंद्रमा का कितना प्रतिशत भाग दिखाई देता है ?*
►57 प्रतिशत
*23. चंद्रमा धरती की परिक्रमा एवं घुर्णन कितने दिनों में करता है ?*
►27 दिन 8 घंटे
*24. चंद्रमा का सबसे ऊंचा पर्वत कौन-सा है ?*
►लीबनिट्ज पर्वत
*25. चंद्रमा पर सबसे पहले पहुंचने वाले अंतरिक्ष यात्री कौन थे ?*
►नील आर्मस्ट्रांग एवं सर एडविन एल्डिन
*26. चंद्रमा पर कब अंतरिक्ष यात्रियों ने पहुंचने में सफलता पाई ?*
►21 जुलाई 1969 ई.
*27. चंद्रमा पर पहली बार पहुंचने वाले अंतरिक्ष यात्री किस यान से गए थे ?*
►अपोलो-11
*28. प्रकाश चक्र क्या है ?*
►वैसी काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी के प्रकाशित और अप्रकाशित हिस्सों को बांटती है ।
*29. पृथ्वी के परिभ्रमण की दिशा क्या है ?*
►पश्चिम से पूर्व
*30. जिस कक्षा में पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है उसे क्या कहते हैं ?*
►दीर्घवृत्तीय
*31. एपसाइड रेखा क्या है ?*
►उपसौरिक एवं अपसौरिक को मिलानने वाली काल्पनिक रेखा सूर्य के केंद्र से गुजरती है, इसे एपसाइड रेखा कहते हैं ।
*32. उपसौरिक क्या है ?*
►3 जनवरी को सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है जिसे उपसौरिक कहते हैं ।
*33. अपसौरिक क्या है ?*
►जुलाई को पृथ्वी सूर्य से कुछ दूर चली जाती है इसे अपसौरिक कहते हैं ।
*34. अक्षांश क्या है ?*
यह ग्लोब पर पश्चिम से पूरम की ओर खींची गई काल्पनिक रेखा है, जिसे अंश में प्रदर्शित किया जाता है ।
*35. किस रेखा को शून्य अंश की स्थिति माना जाता है ?*
►विषवत रेखा
*36. देशांतर क्या है ?*
►यह ग्लोब पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखा है ।
*37. किसी स्थान का समय ज्ञात किन रेखाओं के आधार पर किया जाता है ?*
► देशांतर
*38. दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी को क्या कहते हैं ?*
►गोरे
*39. सूर्यग्रहण क्या है ?*
►जब कभी दिन के समय सूर्य तथा पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की
चमकती सतह चंद्रमा की वजह से दिखाई नहीं पड़ती है, इसे सूर्यग्रहण कहते
हैं ।
*40. पूर्ण सूर्यग्रहण किस दिन होता है ?*
►अमावस्या के दिन
*41. चंद्रग्रहण क्या है ?*
►जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है, इसे चंद्रग्रहण कहते हैं ।
*42. पूर्ण चंद्रग्रहण किस रात होता है ?*
►पूर्णिमा की रात
*43. समय का निर्धारण कैसे किया जाता है ?*
►एक देशांतर का अंतर होने पर समय में चार मिनट का अंतर होता है । चूंकि
पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है इसलिए पूरब की ओर बढ़ने पर प्रत्येक
देशांतर पर चार मिनट बढ़ जाता है और पश्चिम जाने पर प्रत्येक देशांतर पर
चार मिनट घट जाता है ।
*44. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है ?*
►180 डिग्री देशांतर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं ।
द्वितीय विश्वयुद्ध की पूरी जानकारी | About Second World War In Hindi
Second World War
द्वितीय विश्व युद्ध 1 सितंबर, 1939 से 2 सितंबर, 1945
तक चलने वाला एक विश्व-स्तरीय युद्ध था। इस युद्ध में लगभग 70 देशों की
थल-जल-वायु सेनाएं सम्मलित थीं। इस युद्ध में विश्व दो भागों मे बँटा हुआ
था – मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र। इस युद्ध में विभिन्न राष्ट्रों के
लगभग 10 करोड़ सैनिकों ने हिस्सा लिया, तथा यह मानव इतिहास का सबसे ज़्यादा
घातक युद्ध साबित हुआ। इस महायुद्ध में 5 से 7 करोड़ व्यक्तियों की जानें
गईं क्योंकि इसके महत्वपूर्ण घटनाक्रम में असैनिक नागरिकों का नरसंहार-
जिसमें होलोकॉस्ट भी शामिल है- तथा परमाणु हथियारों का एकमात्र इस्तेमाल
शामिल है (जिसकी वजह से युद्ध के अंत मे मित्र राष्ट्रों की जीत हुई)। इसी
कारण यह मानव इतिहास का सबसे भयंकर युद्ध था।
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत कैसे हुई – Second World War Reason In Hindi
पहले विश्वयुद्ध में हार के बाद जर्मनी को वर्साय की संधि पर जबरन
हस्ताक्षर करना पड़ा। इस संधि के कारण उसे अपने कब्ज़े की बहुत सारी ज़मीन
छोडनी पड़ी, किसी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं करने की शर्त माननी पड़ी, अपनी
सेना को सीमित करना पड़ा और उसको पहले विश्व युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई
के रूप में दूसरे देशों को भुगतान करना पड़ा। 1933 में जर्मनी का शासक
एडोल्फ हिटलर बना और तुंरत ही उसने जर्मनी को वापस एक शक्तिशाली सैन्य ताकत
के रूप में प्रर्दशित करना शुरू कर दिया। इस बात से फ्रांस और इंग्लैंड
चिंतित हो गए जो की पिछली लड़ाई में काफ़ी नुक़सान उठा चुके थे। इन सब
बातों को देखकर और अपने आप को बचाने के लिए फ्रांस ने इटली के साथ हाथ
मिलाया और उसने अफ्रीका में इथियोपिया- जो उसके कब्ज़े में था- को इटली को
देने का मन बना लिया। 1935 में बात और बिगड़ गई जब हिटलर ने वर्साय की संधि
को तोड़ दिया और अपनी सेना को बड़ा करने का काम शुरू कर दिया।
जैसे जैसे समय बीतता गया तनाव बढता रहा। यूरोप में जर्मनी और इटली और
ताकतवर होते जा रहे थे और 1938 में जर्मनी ने आस्ट्रिया पर हमला बोल दिया
फिर भी दुसरे यूरोपीय देशों ने इसका ज़्यादा विरोध नही किया। इस बात से
उत्साहित होकर हिटलर ने सदेतेनलैंड जो की चेकोस्लोवाकिया का पश्चिमी हिस्सा
है और जहाँ जर्मन भाषा बोलने वालों की ज्यादा तादात थी वहां पर हमला बोल
दिया। 1937 में चीन और जापान मार्को पोलों में आपस में लड़ रहे थे। जापान
धुरी राष्ट्र के समर्थन मे था, क्यूंकी वो एशिया मे अपनी धाक जमाना चाहता
था। सितम्बर 1939 में सोविएत संघ ने जापान को अपनी सीमा से खदेड़ दिया और
उसी समय जर्मनी ने पोलैंड पर हमला बोल दिया। फ्रांस, इंग्लैंड और
राष्ट्रमण्डल देशों ने भी जर्मनी के खिलाफ हमला बोल दिया परन्तु यह हमला
बहुत बड़े पैमाने पर नही था सिर्फ़ फ्रांस ने एक छोटा हमला सारलैण्ड पर
किया जो की जर्मनी का एक राज्य था। धीरे-धीरे बात बढ़ती गयी और दूसरे विश्व
युद्ध शुरू हो गया।
द्वितीय विश्व युद्ध का अंत कैसे हुआ –
सन् 1944 में जहाँ एक ओर पश्चिमी मित्र देशों ने जर्मनी द्वारा क़ब्ज़ा किए
हुए फ़्रांस पर आक्रमण किया वहीं दूसरी ओर से सोवियत संघ ने अपनी खोई हुयी
ज़मीन वापस छीनने के बाद जर्मनी तथा उसके सहयोगी राष्ट्रों पर हमला बोल
दिया। सन् 1 945 के अप्रैल-मई में सोवियत और पोलैंड की सेनाओं ने बर्लिन पर
क़ब्ज़ा कर लिया और युरोप में दूसरे विश्वयुद्ध का अन्त 8 मई 1945 को तब
हुआ जब जर्मनी ने बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया।
सन् 1944 और 1945 के दौरान अमेरिका ने कई जगहों पर जापानी नौसेना को शिकस्त
दी और पश्चिमी प्रशान्त के कई द्वीपों में अपना क़ब्ज़ा बना लिया। जब
जापानी द्वीपसमूह पर आक्रमण करने का समय क़रीब आया तो अमेरिका ने जापान में
दो परमाणु बम गिरा दिये। इस तरह 1945 में एशिया में भी दूसरा विश्वयुद्ध
समाप्त हो गया जब जापानी साम्राज्य ने आत्मसमर्पण करना स्वीकार कर लिया।
द्वितीय विश्व युद्ध मे भारत की भूमिका –
दूसरे विश्वयुद्ध के समय भारत मे आज़ादी की लड़ाई चल रही थी लेकिन भारत पर
अंग्रेज़ो का कब्जा था। इसलिए आधिकारिक रूप से भारत ने भी नाजी जर्मनी के
विरुद्ध 1939 में युद्ध की घोषणा कर दी। ब्रिटिश राज (गुलाम भारत) ने 20
लाख से अधिक सैनिक युद्ध के लिए भेजा जिन्होने ब्रिटिश नियंत्रण के अधीन
धुरी शक्तियों के विरुद्ध युद्ध लड़ा। इसके अलावा सभी देशी रियासतों ने
युद्ध के लिए बड़ी मात्रा में अंग्रेजों को धनराशि प्रदान की।
द्वितीय विश्वयुद्ध से जुड़े तथ्य और जानकारियां – Second World War Facts & Information In Hindi
1. इस युद्ध में 11 मिलियन लोग मारे गए थे तो वहीं कई देशों का वर्चस्व भी खत्म हो गया था।
2. रूस ने अपने सबसे ज्यादा नागरिकों को खोया। करीब 21 मिलियन रूसी नागरिक इस युद्ध में मारे गए थे।
3. इस युद्ध के दौरान करीब 1.5 मिलियन बच्चों की मौत हुई थी।
4. द्वितीय विश्व युद्ध 6 सालों तक लड़ा गया।
5. हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये जिम्मेदार माना जाता है।
6.द्वितीय विश्वयुद्ध में 61 देशों ने हिस्सा लिया।
7. सोवियत संघ पर जर्मनी के आक्रमण करने की योजना को बारबोसा योजना कहा गया।
8. 1939 से 1945 के बीच करीब 3.4 मिलियन बम गिराए गए थे यानी प्रतिमाह औसतन 27,700 बम।
9 .जर्मनी की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली ने 10 जून 1940 ई. को प्रवेश किया।
10. अमेरिका द्वितीय विश्वयुद्ध में 8 सितंबर 1941 ई. में शामिल हुआ।
11. द्वितीय विश्वयुद्ध के समय अमेरिका का राष्ट्रपति फैंकलिन डी रुजवेल्टई था।
12. करीब छह मिलियन ज्यूइस नागरिकों की हत्या होलोकॉस्ट के दौरान हुई।
13. इस युद्ध के दौरान ही भारतीय धार्मिक प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक का प्रयोग नाजी सेना ने किया।
14. युद्ध के समय इंगलैंड का प्रधानमंत्री विंस्टरन चर्चिल थे।
15. अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर एटम बम का इस्तेेमाल 6 अगस्तर 1945 ई. में किया।
16. द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस को जाता है।
17. द्वितीय विश्व युद्ध में मित्रराष्ट्रों के द्वारा पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था।
18. 1942 से 1943 के बीच स्टालिनग्रैड के युद्ध में 800,000 से 1,600,000 से ज्यादा लोगों की मौत।
भारतीय खुफिया एजेंसी राॅ(RAW) से जुड़े 25 रोचक तथ्य
खुफिया एजेंसियां किसी भी देश की सुरक्षा में अपना एक अलग महत्व रखती हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसी राॅ (RAW) हैं. क्या आप जानते हैं यह काम कैसे करता
हैं? आपने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर बहुत सी फिल्में भी देखी होगी
लेकिन असलियत में इसके बारे में आपको कुछ भी नही पता होगा…
1. रॉ का कानूनी दर्जा अभी भी अस्पष्ट ही हैं। आखिर क्यों रॉ एक एजेंसी नहीं बल्कि विंग हैं?
2. रॉ का गठन 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के
बाद तब किया गया, जब इंदिरा गांधी सरकार ने भारत की सुरक्षा की जरूरत को
महसूस किया.
3. अगर आपने इस एजेंसी के बारे में खबरों में या कहीं और ज़्यादा कुछ नहीं
सुना है, तो आप इससे अंदाज़ा लगा सकते है कि यह वास्तव में कितना गुप्त
हैं.
4. राॅ पर RTI नही डाल सकते, Q कि यह देश की सुरक्षा का मामला हैं.
5. राॅ में शामिल होने के लिए आपके माता-पिता भारतीय होने जरूरी हैं.
6. रॉ का सिद्धांत ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’ है, जिसका मतलब है कि जो शख्स धर्म की रक्षा करता है वह हमेशा सुरक्षित रहता हैं.
7. राॅ सीधी अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को भेजती है. इसके डायरेक्टर का चुनाव, सेक्रेटरी(रिसर्च) द्वारा होता हैं.
8. ऐसे प्रत्याशी जिनका चुनाव रक्षा बलों से हुआ हो उन्हें इसमें शामिल होने से पहले अपने मूल विभाग से इस्तीफा देना आवश्यक हैं.
9. मिशन पूरा होने के बाद, अधिकारी को अनुमति होती है कि वह अपने मूल विभाग
में वापस शामिल हो सकते हैं। अगर आपके पास इतना शौर्य नहीं बचा है तो आप
बेशक वापस जा सकते हैं.
10. राॅ में शामिल होना कोई मालामाल होना नही हैं, वो आदमी इससे दूर ही रहे जो रिश्वत लेने वाले या लालची हो.
11. सिक्किम को भारत में शामिल करने का श्रेय भी बहुत हद तक रॉ को जाता
हैं। रॉ ने वहां के नागरिकों को भारत समर्थक (प्रो इंडियन) बनाने में अहम
भूमिका निभाई.
12. आपका राॅ में शामिल होने के सपना एक राज होना चाहिए और ये राज किसी को न बताएं.
13. यह एक डेस्क में बैठकर काम करने वाली नौकरी नहीं है। आप किसी मिशन पर
हो, तो पूरी सम्भावना है कि आपके परिवार को भी नहीं पता होगा कि आप कहाँ
हैं.
14. यह साबित करने के लिए हमेशा तैयार रहें कि आप दिन के चौबीसों घंटे,
हफ्ते के सातों दिन, किसी भी परिस्थिति में काम कर सकते हैं और खुद को उन
परिस्थितियों के अनुरूप ढाल सकते हैंं.
15. अगर आप किसी खेल में अच्छे हैं तो यहाँ आपके प्रवेश के अवसर को बढ़ा देती हैं.
16. अपने विभाग से कुछ भी छिपाने की कोशिश न करें। अगर आपको लगता है कि होशयारी में आप उसे मात से सकते हैं तो आप गलत हैं.
17. चीनी, अफगानी या किसी दूसरी भाषा का ज्ञान आपको दूसरो से ऊपर खड़ा करता हैं.
18. भारत की खुफिया एजेंसी अपने आप ही आप तक पहुंचेगी। उन्हें खोजने की कोशिश मत करिए.
19. एक जासूस के राज़ उसकी मौत के साथ ही दफन हो जाते हैं। यहां तक कि उसकी पत्नी को तक नहीं पता होता कि उसका पति एक रॉ एजेंट हैं.
20. एक रॉ जासूस की ज़िन्दगी, फिल्मों में दर्शाई गई जासूस की ज़िन्दगी से
कहीं से भी मेल नहीं खाती. लेकिन जासूसी में अव्वल होते हैं.
21. भारत के परमाणु कार्यक्रम को गोपनीय रखना रॉ की जिम्मेदारी थी.
22. रॉ में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी को बंदूक नहीं मिलती। बचाव के लिए ये अपनी तेज बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं.
23. रॉ का गठन अमेरिकी के सीआईए की तर्ज पर ही किया गया हैं। इसके ऑफिशल्स को अमेरिका, यूके और इजरायल में ट्रेनिंग ली जाती हैं.
24. राॅ में शामिल होने का सबसे अच्छा तरीका हैं UPSC पास करो और IPS या IFS पद पर कार्यरत हो जाओ.
25. यदि राॅ का एजेंट दूसरे देश में जासूसी करता पकड़ लिया जाए तो अपने देश
की सरकार ही उनसे पल्ला झाड़ लेती है, उनकी किसी तरह की कोई सहायता नहीं
करती हैं। और अंत में जब उनकी दुशमन देश में मौत हो जाती है तो उनको अपने
वतन की मिट्टी तक नसीब नहीं होती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ था भारत के रविन्द्र
कौशिक के साथ.
नासा से जुड़े कुछ ऱोचक तथ्य – Interesting Facts about NASA in Hindi
दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी NASA का नाम तो हर किसी ने
सुना होंगा लेकिन नासा से जुड़े कुछ ऐसे ऱोचक तथ्य है जो कोई नहीं जानता तो
आइये जानते है NASA से जुड़े कुछ ऱोचक तथ्य। :-
1. NASA की स्थापना आज से करीब 58 साल पहले यानी 29 जुलाई सन् 1958 में को गई थी।
2. NASA का हैडकार्टर वाशिंगटन में है और इस पर पूरी तरह से अमेरिका का कंट्रोल है।
3. NASA का फुल फॉर्म National Aeronautics and Space Administration है।
4. NASA पर हर साल करीब $19 अरब डॉलर खर्च होते है।
5. NASA में 18000 से भी ज़्यादा लोग काम करते है जिनमे से अधिकतर वैज्ञानिक है।
6. एक बार यमन के तीन लोगो ने NASA पर मंगल ग्रह पर घुसपैठ का मामला दर्ज कराया था।
7. उनका मानना था कि मंगल ग्रह पर उनके पूर्वजो का हक़ है और NASA उसपर घुसपैठ नहीं कर सकता।
8. NASA से पहले”National Advisory Committee for Aeronautics (NACA)” नामक
एक एजेंसी हुआ करती थी जो अंतरिक्ष के मामलो में सलाह या फैसला देती थी।
9. NASA ने 1 अक्टूबर सन् 1958 से कार्य करना शुरू किया था और तब से आज तक
अमेरिकी अंतरिक्ष अन्वेषण के सारे कार्यक्रम नासा द्वारा ही संचालित किए गए
है।
10. चाँद पर पहुचने वाला पहला यान(अपोलो) भी नासा द्वारा ही भेजा गया था।
11. आपको यह जानकार हैरानी होंगी की नासा “Prolonged Weightlessness” की
स्टडी करने के लिए कुछ लोगो को सिर्फ महीनो भर तक आरामदायक बिस्तर पर सोने
के लिए पैसे देता है।
12. अमेरिका में जब कभी भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन किसी के ऊपर से गुजरता है तो नासा उन लोगो को मैसेज करता है।
13. अमेरिका के संघीय बजट का 20% नासा को जाता है।
14. अमेरिका की हर $1 डॉलर की कामाई मे से करीब $0.005 डॉलर नासा में जाता है।
15. एक अनुमान के मुताबिक NASA के द्वारा बनाए गए 100000 यानो में से सिर्फ 1 यान के असफल हो सकता है।
16. कई लोगो का यह भ्रम है कि नासा एक स्पेस पेन बनाने में लाखों डॉलर खर्च कर चुका है लेकिन यह सही नहीं है।
17. NASA के एक Thad Roberts नामक प्रिशिक्षु को 7 साल जेल में गुजारने पड़े
थे क्योंकि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चोरी किये हुए चाँद के पत्थर के
टुकडो पर सेक्स कर रहा है।
18. माना जाता है कि NASA शरीर पर शून्य गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव की जांच
करने के लिए आपको 24 घंटे बिस्तर पर सोने के $15000 डॉलर दे सकता है।
19. The Learning Channel(TLC) नासा के सहयोग से ही शुरू किया गया है।
20. NASA ने अब तक invisible braces, scratch resistant lenses जैसी कई खोजे भी की है।
21. NASA एक ऐसा इंजन तैयार करने वाला है जो कुछ ही दिनों में मंगल ग्रह पर पहुच सकेंगा।
22. जब कभी भी किसी भी गृह पर जीवन संभव हुआ तो NASA ने उसके लिए अभी से एक
Planetary Protection Office बनाया ताकि वह उस समय उसका इस्तेमाल कर सके।
23. NASA के पास कही पर भी कभी भी मूसलाधार बारिश कराने की तकनीक भी है।
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कावेरी जल विवाद: जाने कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच की लड़ाई की मुख्य वजह
कर्नाटक में हाल की हिंसक घटनाओं ने 124 साल पुराने कावेरी जल
विवाद को पुनः सुर्खियों में ला दिया है। इस समस्या को हल करने के कई
प्रयासों के बावजूद, जब भी कावेरी नदी के जल के बंटवारे की बात आती है तो
दो दक्षिणी राज्य कर्नाटक और तमिलनाडु आपस में भिड़ जाते हैं| पिछली
वारदातों की तरह इस बार भी तथ्य और आंकड़ों के बजाय भावनाओं एवं विचारों का
वर्चस्व होने के कारण पूरे क्षेत्र में छिटपुट हिंसा की कई घटनाएं देखने को
मिली है| यदि आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो अभी भी वास्तविक समस्या और
एक सदी से भी अधिक समय से चल रहे इस विवाद के कारणों से अनभिज्ञ हैं तो हम
यहाँ आपके लिए कावेरी जल विवाद और इसके ऐतिहासिक परिदृश्य का संक्षिप्त
विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं|
कावेरी नदी:
कावेरी नदी दक्षिण भारत की एक बड़ी नदी है जो कर्नाटक और
तमिलनाडु राज्यों से होकर बहती है। यह नदी कर्नाटक के कोडगू/कुर्ग जिले में
तालकावेरी से निकलती है और तमिलनाडु में पोम्पुहार के पास बंगाल की खाड़ी
में मिल जाती है| यह नदी सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक
दृष्टिकोण से दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
कावेरी जल विवाद
कावेरी नदी 124 से अधिक वर्षों से कर्नाटक और तमिलनाडु
राज्यों के बीच संघर्ष की एक प्रमुख वजह रही है। इस मामले में मुख्य लड़ाई
हमेशा दोनों राज्यों के बीच कावेरी नदी के पानी के वितरण एवं हिस्सेदारी को
लेकर रहा है। पिछले कई वर्षों के दौरान दोनों राज्यों और केंद्र सरकार की
तरफ से इस विवाद को हल करने के लिए कई बार प्रयास किये गए जो नाकाम रहे हैं
और अब यह विवाद क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील हो गया है| कावेरी जल विवाद
दोनों राज्यों के आम लोगों के लिए एक बहुत ही संवेदनशील विषय बन गया है और
अब इसे दोनों राज्यों के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व की लड़ाई के रूप में देखा
जाने लगा है|
कावेरी जल विवाद से संबंधित प्रमुख बिन्दु निम्न हैं:
1. कावेरी नदी का जल दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है,
क्योंकि कर्नाटक के लोग पीने के पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए इस पर
निर्भर हैं, जबकि तमिलनाडु में कावेरी डेल्टा के किसान कृषि और आजीविका के
लिए इस पर निर्भर हैं।
2. कावेरी नदी के पानी के लिए लड़ाई कम वर्षा वाले वर्षों के
दौरान और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है,क्योंकि उस समय कावेरी नदी का पूरा
डेल्टा क्षेत्र सूखे की चपेट में आ जाता है| इसलिए, कावेरी नदी का पानी इस
क्षेत्र में पानी का एकमात्र स्रोत है।
3. जहां तक जल संसाधन का सवाल है, तो कावेरी नदी के कुल जल
संसाधन में से 53% कर्नाटक की भौगोलिक सीमाओं के भीतर बहती है, जबकि केवल
30% तमिलनाडु की भौगोलिक सीमाओं के भीतर बहती है|
4. दूसरी ओर, कावेरी नदी के कुल बेसिन क्षेत्र (नदी द्वारा
सिंचित भू-भाग) में से 54%, तमिलनाडु राज्य में है, जबकि केवल 42% ही
कर्नाटक राज्य में है।
5. उपरोक्त तथ्यों के अनुसार, चूँकि कावेरी नदी कर्नाटक राज्य
से निकलती है इसलिए वे उसके पानी पर अधिक अधिकार का दावा करते हैं और कुल
जल संसाधन के 53% का उपयोग करते हैं|
6. इसी तरह, पारंपरिक और ऐतिहासिक दृष्टि से तमिलनाडु कावेरी
के पानी पर निर्भर है क्योंकि राज्य के उत्तरी भाग में सिंचाई जरूरतों को
पूरा करने के लिए कावेरी नदी का पानी ही एकमात्र स्रोत है| इसके अलावा,
कावेरी नदी के बेसिन क्षेत्र में तमिलनाडु की अधिक हिस्सेदारी है और अतीत
में वह अधिक पानी का उपयोग करता रहा है जिसके कारण वह कर्नाटक से अधिक पानी
की मांग कर रहा है|
कावेरी जल विवाद: ऐतिहासिक अवलोकन
कावेरी जल विवाद देश की आजादी से पहले का है और पहली बार
ब्रिटिश शासन के दौरान 1890 में सुर्खियों में आया था। 1890 के दशक में
ब्रिटिश शासन के तहत मैसूर की शाही रियासत ने पीने और सिंचाई हेतु कावेरी
के पानी का उपयोग करने के लिए कावेरी नदी पर बांध के निर्माण की योजना
बनाई| लेकिन मद्रास प्रेसीडेंसी द्वारा इस पर आपत्ति जताई गई थी। नतीजतन,
ब्रिटिश शासन ने कावेरी जल विवाद पर चर्चा करने एवं इस विवाद के निपटारे के
लिए उचित हल ढूंढने हेतु दोनों राज्यों की एक बैठक बुलाई थी| तब से,
कावेरी नदी दोनों राज्यों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है|
विभिन्न कालखंड में कावेरी जल विवाद पर जिन घटनाओं ने महत्वपूर्ण प्रभाव डाले उन्हें नीचे सूचीबद्ध किया जा रहा है:
1892 - ब्रिटिश शासन के दौरान मैसूर एवं मद्रास राज्यों के
बीच जल बंटवारे को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत मैसूर
राज्य को उसकी सिंचाई परियोजनाओं को जारी रखने की अनुमति दी गई, जबकि
मद्रास राज्य को उसके हितों की सुरक्षा का आश्वासन प्रदान किया गया|
1910 - 1892 के समझौते की अनदेखी करते हुए मैसूर राज्य ने
41.5 टीएमसी पानी एकत्रित करने के उद्येश्य से कावेरी नदी पर एक बांध बनाने
की योजना बनाई| मद्रास राज्य ने इस कदम पर आपत्ति जताई और बांध के निर्माण
के लिए अपनी सहमति देने से मना कर दिया।
1913 – इस विवाद को हल करने के उद्येश्य से भारत की ब्रिटिश
सरकार ने सर एच डी ग्रिफिन की अध्यक्षता में एक मध्यस्थता आयोग का गठन
किया| एम नेथर्सोल, जो उस समय भारत के सिंचाई विभाग में इंस्पेक्टर जनरल
थे, उन्हें इस आयोग का विश्लेषक बनाया गया था। यह पहली घटना थी जब कावेरी
जल विवाद मध्यस्थता के अंतर्गत आया था|
1924 - कावेरी नदी के जल को लेकर संघर्ष अगले दशक में भी जारी
रहा| लेकिन 1924 में एक नए समझौते के रूप में एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई
थी| नए समझौते का प्रारूप कावेरी नदी के पानी के ऐतिहासिक उपयोग एवं
प्रत्येक राज्य की जनसंख्या की निर्भरता के आधार पर तैयार किया गया था।
1892 और 1924 के समझौतों के अनुसार कावेरी नदी के पानी को निम्न रूप में वितरित किया गया था:
75 प्रतिशत तमिलनाडु और पुडुचेरी
23 प्रतिशत कर्नाटक
शेष पानी केरल
1956 – आजादी के बाद भारत में भाषाई आधार पर राज्यों का
पुनर्गठन किया गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत, कूर्ग (कावेरी का
जन्मस्थान), मैसूर राज्य का हिस्सा बन गया। तत्कालीन हैदराबाद और बंबई
प्रेसीडेंसी के अधिकांश भू-भाग मैसूर राज्य में चले गए| राज्यों के
पुनर्गठन के बाद, कर्नाटक ने 1924 के कावेरी जल बंटवारा समझौते की समीक्षा
के लिए मांग उठाना शुरू कर दिया हालांकि, तमिलनाडु और केन्द्र सरकार ने
उसकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि इस समझौते को 50 साल बाद अर्थात 1974
के बाद ही समीक्षा की जा सकती है|
1972 - 1924 के समझौते की समाप्ति के साथ ही केंद्र सरकार ने
एक समिति का गठन किया जिसने सुझाव दिया कि तमिलनाडु को 566 टीएमसी पानी
(हजार मिलियन क्यूबिक फीट) और कर्नाटक को 177 टीएमसी पानी के इस्तेमाल की
अनुमति दी जाय|
1976 - एक अन्य समझौते पर हस्ताक्षर द्वारा कावेरी नदी के
अतिरिक्त 125 टीएमसी पानी के उपयोग की शर्तों पर निर्णय लिया गया| इस
समझौते के अनुसार, अतिरिक्त जलराशि में से 87 टीएमसी कर्नाटक को, 34 टीएमसी
केरल को और 4 टीएमसी तमिलनाडु को देने की घोषणा की गई| बहरहाल, इस समझौते
को कर्नाटक के द्वारा स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि वह पानी के बंटवारे के
अंतरराष्ट्रीय नियम के अनुसार बराबर अनुपात में पानी चाहता था। इस बीच,
सिंचाई के लिए कावेरी नदी पर तमिलनाडु की निर्भरता बहुत बढ़ गई और उसने 6
लाख एकड़ तक कुल सिंचित क्षेत्र का विस्तार कर लिया था| यह दोनों राज्यों
के बीच टकराव का एक महत्वपूर्ण कारण था|
1990 - पानी के बंटवारे के समझौते पर किसी आम सहमति पर
पहुंचने में नाकाम रहने के बाद दोनों राज्य सरकारों ने सर्वोच्च न्यायलय का
दरवाजा खटखटाया। सर्वोच्च न्यायलय ने 2 जून, 1990 को केंद्र सरकार को
कावेरी जल विवाद प्राधिकरण (CWDT) का गठन करने का आदेश दिया|
2007 – अपने गठन के 17 साल बाद कावेरी जल विवाद प्राधिकरण
(CWDT) ने अपनी अंतिम निर्णय में कहा कि सामान्य वर्षों में नदी में पानी
की कुल उपलब्धता 40 टीएमसी रहेगी| इसी तरह प्राधिकरण ने सभी राज्यों के बीच
पानी को निम्नलिखित रूप में वितरित किया था:
तमिलनाडु: 419 टीएमसी (मांग 512 टीएमसी)
कर्नाटक: 270 टीएमसी (मांग 465 टीएमसी)
केरल: 30 टीएमसी
पुडुचेरी: 7 टीएमसी
चारों राज्यों को 726 टीएमसी पानी आवंटन करने के अलावा,
प्राधिकरण ने पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से 10 टीएमसी पानी और समुद्र
में निरंतर प्रवाह के लिए 4 टीएमसी पानी का आवंटन किया|
2012 - तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में
कावेरी नदी प्राधिकरण ने कर्नाटक सरकार से कहा कि वह तमिलनाडु के लिए
प्रतिदिन 9,000 क्यूसेक पानी छोड़े| कर्नाटक सरकार ने इस आदेश का पालन करने
से मना कर दिया| जिसके बाद तमिलनाडु सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में अपील
की, सर्वोच्च न्यायलय ने कर्नाटक सरकार को पानी छोड़ने का आदेश दिया| अंततः
कर्नाटक सरकार को पानी छोड़ना पड़ा| लेकिन इसके विरोध में कर्नाटक राज्य में
कई हिंसक प्रदर्शन हुए|
2016 - इस विवाद को हल करने के उद्येश्य से, अगस्त 2016 में
तमिलनाडु सरकार ने कावेरी प्राधिकरण के दिशानिर्देशों के अनुसार पानी छोड़ने
की मांग को लेकर पुनः सर्वोच्च न्यायलय में अपील की| सर्वोच्च न्यायलय ने
अपने फैसले में कहा कि कर्नाटक सरकार अगले 10 दिनों तक तमिलनाडु के लिए
15000 क्यूसेक पानी छोड़े|सुप्रीम कोर्ट के नये आदेश के तहत कर्नाटक अब
तमिलनाडु के लिए 12000 क्यूसेक पानी छोड़ रहा है |
Amit Kumar
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